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देवालय को श्रद्धा,भक्ति,उपासना का केंद्र बना रहने दें,पर्यटन स्थल न बनाएं।

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  श्री काशी विश्वनाथ जी वैष्णो देवी मंदिर में हुए हादसे ने यह सिद्ध कर दिया है की मंदिर,तीर्थस्थान - दर्शन,तपस्या,आध्यात्मिक ऊर्जा की विषय वस्तु हैं न कि पर्यटन के, पिकनिक के,घूमने के,छुट्टी मनाने के स्थान। परंतु आज की सरकारें और जनमानस के लोग इसे शायद समझ नही पा रहे। एक समय था जब लोग बद्रीनाथ - केदारनाथ यह सोच कर जाते थे की स्वर्ग जा रहे हैं क्या पता लौटेंगे या नहीं, यात्रा दुर्गम थी, पहाड़ों की चढ़ाई थी, और इसी से दर्शनार्थी की हिम्मत,श्रद्धा,भक्ति और तपस्या का भी आंकलन हो जाता था की वह देव दर्शन की कितनी चाह रखता है। परंतु आज का समय है अब दुर्गमता सुगमता में बदल चुकी है, धड़धड़ाते हुए वाहन हेलीकॉप्टर सब देवता के मस्तक तक पहुंच जा रहे हैं, वीo आई o पी o कल्चर आ गया है जेब में पैसा है तो आप देवता के कपार तक हेलीकाप्टर से जा सकते हैं। देवता लोग भी सोचते होंगे की हम इतनी दुर्गम जगह पर जाकर बैठे थे की हमे कोई डिस्टर्ब न कर सके लेकिन पहले तो जो आते थे वे श्रद्धा भक्ति ले के आते थे तो मुझे भी उनको आशीर्वाद देने का मन कर ही जाता था, लेकिन आज तो कूल ड्यूड,लौंडा लफाड़ी,आस्तिक,नास्तिक सब ऊपर च
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       वैशाख माह 2021 के व्रत,पर्व एवं त्योहार                                             आज की इस पोस्ट में वैशाख महीने में पड़ने वाले समस्त व्रत, त्योहार आदि के विषय में आप जानेंगे।  वैशाख महीना 2021 कब से शुरू हो रहा है? तथा कब तक चलेगा।  पूरे महीने में कौन-कौन से व्रत पड़ेंगे  तथा उनका क्या महत्व है।   28 अप्रैल 2021 से वैशाख माह का शुभारंभ हो रहा है। द्वितीया तिथि की हानि होने के कारण कृष्ण पक्ष 14 दिनों का रहेगा।  28 अप्रैल 2021 से 11 मई, 2021 तक वैशाख कृष्ण पक्ष तथा 12 मई 2021 से 26 मई 2021 तक शुक्ल पक्ष रहेगा।  28 अप्रैल 2021 दिन बुधवार से पूरे महीने भर सतुआ, जल पूरित, कुंभ, छाता, जूता आदि का दान करना चाहिए।  इस दिन पीपल के मूल में तुलसी से भगवान विष्णु की पूजा का अत्यंत महत्व बताया गया है।  आज ही के दिन भगवती विंध्यवासिनी का महाघटाभिषेक भी किया जाता है।  नेपाल में साखू यात्रा, रत्नागिरी में भगवती दुर्गा का रथोत्सव भी होता है।  30 अप्रैल 2021 को संकष्टि गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। चंद्रोदय रात में 10:16 के बाद होगा । इसी दिन भगवती सती अनुसुइया की जयंती भी मनाई जाएगी। 1 मई
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                           चैैत्र पूर्णिमा 2021 सनातन हिंदू धर्म में तिथि मुहूर्त आदि का अत्यंत महत्त्व माना जाता है। चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि भारतीयों के नव वर्ष की प्रथम पूर्णिमा होती है। चैत्र पूर्णिमा कब पड़ रही है? इस दिन क्या करना चाहिए? क्या नहीं करना चाहिए? इसका क्या महत्व है? पूर्णिमा को किन उपायों से हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं? आदि समस्त प्रश्नों के उत्तर के साथ में काशी से सतीश चंद्र पांडेय, "आचार्य कश्यप" उपस्थित हूं। आपका हमारे ब्लॉग पर हार्दिक स्वागत है। आप इस सम्बंध में वीडियो देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल का भी अनुसरण कर सकते हैं   👇👇                                           चैैत्र पूर्णिमा व्रत विधि माहात्म्य चैत्र पूर्णिमा को स्नान दान कथा श्रवण आदि का बहुत ही महत्व हमारे शास्त्रों में बतलाया गया है। आइए सबसे पहले इस वर्ष 2021 में चैत्र पूर्णिमा का मुहूर्त जान लेतेहैं।  दिनांक 27 अप्रैल 2021 को स्नान दान की पूर्णिमा  पड़ रही है।  पूर्णिमा प्रारंभ 26 अप्रैल 2021 को सुबह 11:44 मिनट अतः व्रत करने वाले 26 तारीख को भी व्रत कर सकते हैं। पा
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  चैत्र शुक्ल पक्ष "कामदा एकादशी" व्रत कथा चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी के नाम से जाना   जाता है। यह एकादशी समस्त कामनाओं की पूर्ति करने वाली कही गई है तथा ब्रह्म हत्या तुल्य पापों तथा पिशाचत्व को नाश करने वाली कही गई है। कामदा एकादशी का व्रत करने, इसकी कथा सुनने तथा पढ़ने से वाजपेय यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। जी हां,  चैत्र शुक्ल पक्ष में पडने वाली कामदा एकादशी की कथा तथा महत्व को लेकर मैं काशी से सतीश चंद्र पांडेय "आचार्य कश्यप" उपस्थित हूं। आपका हमारेब्लॉग पर हार्दिक स्वागत है। यदि आप पहली बार आए हैं तो ब्लॉग को अवश्य  सब्सक्राइब कर लें तथा इसी तरह के प्रामाणिक व्रत त्योहार ज्योतिष कथा वास्तु आदि के संबंध में वीडियो देखने के लिए नोटिफिकेशन पाने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब अवश्य कर ले।                                    चैत्र शुक्ल पक्ष एकादशी को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह अत्यंत पवित्र तथा मनोवांछित फल को देने वाली है। कामना की पूर्ति करने के कारण ही इसका नाम कामदा है। यदि कोई पिशाच योनि में भी पड़ा हुआ है तो उसकी मु

वास्तुशास्त्र, वास्तु शब्द का अर्थ

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  वास्तु     वास्तु के सम्बंध में शास्त्रीय एवं प्रामाणिक वीडियो देखने के लिए यूट्यूब पर जाएँ।                      हमारे शास्त्रों में वास्तुपुरुष का आविर्भाव और उनका इस पृथ्वी पर अधिकार सम्बंधित सभी चीजें उपलब्ध हैं, भवन,मंदिर, प्रासाद, बाग, बगीचे,तालाब,बावड़ी,कुंआ,जलाशय आदि जो भी निर्माण हम इस पृथ्वी पर करते हैं उनमें वास्तु विचार, वास्तु यज्ञ, वास्तुशांति आदि करते है और करना भी चाहिए, शास्त्रोक्त विधान से वास्तु,हस्तनिर्मित कुंडली,ग्रहबाधा, अनुष्ठान आदि समस्त विषयों का पूरा सच PURA SACH जानने के लिए हमे मेल करें,                     पं0 सतीश चन्द्र पाण्डेय "आचार्य कश्यप"                         काशी, वाराणसी

🌷पुरुष-प्रकृति🌷

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 पुरुष-प्रकृति                           🙏पुरूष-प्रकृति🙏 पुरुष प्रकृति के रूप मेँ हरि ने रच डाला सारा संसार एक दूसरे से मिलने का बना दिया संयोग विचार। शोभा प्रकृति तभी पाती जब साथ पुरुष का मिल जाए पुरुष बिना यह प्रकृति अधूरी और प्रकृति बिन यह संसार। जीवन क्या है प्रकृति पुरुष है मरण बिछोह है दोनो का हम एक दूजे को समझे और रचे नित नयी सृष्टि अपार।। पुरुष प्रकृति के रूप मेँ हरि ने रच डाला सारा संसार।।                             कश्यप                           05-11-12               https://www.youtube.com/c/AcharyaKashyap

लघु कृति

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  फिर वही करुण क्रन्दन ! हृदय को विदीर्ण करता भयावह मुख मुद्रा तपता जलता बदन चंदन । फिर वही करुण क्रन्दन ।। क्रोधातिरेक से काँपता हुआ हाथ अपने नब्ज़ अपनी नापता हुआ , थरथराती पुतलियाँ नसोँ मेँ नील रक्तस्पंदन । फिर वही करुण क्रन्दन ।।                                 कश्यप                                     04-11-12               https://www.youtube.com/c/AcharyaKashyap